नशा करो तो देश भक्ति का……………..नरेश पंडित

हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहें……बजरंग दल

कपूरथला बॉबी शर्मा)विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के समूह पदाधिकारिओं व कार्यकर्ताओ की एक विशेष बैठक का आयोजन मंदिर धर्म सभा में जिला प्रधान जीवन प्रकाश वालिया व जिला उपप्रधान आनंद यादव के नेतृत्व में किया गया।इस बैठक को सम्बोधित करते हुए बजरंग दल के पूर्व प्रदेश प्रधान नरेश पंडित ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए कार्यकर्ताओं से हमेशा तैयार रहने को कहा।इस मौके पर विहिप बजरंग दल की संगठनात्मक,धार्मिक,देशभक्ति और आंदोलन स्तर की गतिविधियों पर मंथन किया गया।इसके साथ ही आगामी गतिविधियों पर चर्चा हुई।इस दौरान धर्म और समाज से जुड़े विषयों पर भी चर्चा हुई।सबसे अहम धार्मिक गतिविधियों को जिला स्तर से अब गांवों तक ले जाने पर सुझाव दिए गए।देश में पनप रही देशद्रोही गतिविधियों का खुलकर विरोध करने के लिए विहिप बजरंग दल कार्यकर्ताओं से एकजुट होने के लिए कहा गया।गोहत्या और तस्करी पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर प्रशासन और सरकार पर दबाव बनाने के साथ विहिप बजरंग दल को सक्रिय रहने का आह्वान किया गया।नरेश पंडित ने हिन्दू धर्म को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ आवाज उठाने के लिए कहा।इसके साथ ही धर्म परिवर्तन करने वालों को नंगा कर उन्हें सजा दिलाने पर भी जोर दिया।नरेश पंडित ने कहा कि अपनों को सम्भालो,वे बिखरने नहीं चाहिए।अगर कर्ण को सम्भालोगे नहीं तो वो दुर्योधन के साथ मिल कर महाभारत रचेगा।हमारी भूमि महान है,लेकिन भूमिका भी महान होनी चाहिये।आपसी बिखराव के कारण ही धर्मांतरण करने वालों को मौका मिल जाता है।कहा कि जीवन में रंग तभी चढ़ेगा,जब मेहंदी की तरह पिसना सीख जाओगे.सूई की पीड़ा फूल सहते हैं तो माला बनती है।इसलिये फूलों की तरह सहना सीखें.विपत्तियों से कायर घबराते हैं।माँ भारती के जो सूरमा बहादुर होते हैं,वह विपत्तियों में धैर्य नहीं गंवाते.जिंदगी नदी के प्रवाह जैसी होती है रास्ता खुद बनाना पड़ता है।हिंदू धर्म परंपरा का निर्वाह करिये,व्रत रखिये, तिल का ताड़ मत बनाइये,तो एक चुटकी में समाधान हो जाएगा।अपनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता,उन्हें गले लगाना ही समाधान है।उन्होंने कहा कि मरने के बाद जूते दान इसलिए करते हो ताकि स्वर्ग में भी जूतों के बिना न चलना पड़े अगर आपके कर्म अच्छे होंगे तो स्वर्ग धरती पर ही उतर आएगा।अंदर नास्तिकता है और ऊपर से आस्तिकता का दिखावा किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार हुए कितना महत्व दिया गया,सभी जानते हैं।गौ हत्या,कन्या भ्रूण हत्या पर दुख व्यक्त करते कहा कि बेटियों की हत्या स्वयं की हत्या है।लोगों को चाहिये कि लड़का और लड़की में कोई फर्क ना करें।उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमेशा स्त्री और माता-पिता का सम्मान करना सिखाती है।गौ हत्या और दुर्गा जैसी बेटियां मारी जाती रहेंगी तो कल्याण नहीं होगा।सभी को मिल कर गऊ माताओं और बेटियो को बचाना होगा।नरेश पंडित ने सूत्र वाक्य,धर्मो रक्षति रक्षित का अर्थ समझाते हुए कहा कि प्रकृति संयमित जीवन जीना भी धर्म की रक्षा करने के समान है जो अंतत:स्वयं की रक्षा करता है।नरेश पंडित ने कहा कि सरकारों के सामने क्यों गिड़गिड़ाते हो गाय की नस्ल सुधारो सभी अपनी भूमिका निभाएं।समाज में वृद्ध आश्रम खोलने पर भी उन्होंने दुख जताया।कहा,बुजुर्गों से प्यार करो।नशा करो तो देश भक्ति का,रोती हुई आंखों के आंसू पोंछने का नशा करो।प्रकृति की रक्षा नहीं करेंगे तो स्वयं भी नहीं बचेंगे।पश्चिम से आयी बुराइयों से दूर रहने व इन बुराइयों को जड़ व जीवन से उखाडऩे का आह्वान किया।


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धर्म · लेटेस्ट
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