Mann Ki Baat Updates: तिरंगे को लेकर पीएम मोदी ने की खास अपील, भारतीय खिलौने खरीदने का भी किया आह्वान – Times Now Navbharat

PM Modi Mann Ki Baat Updates: पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से रूबरू हुए। यह मन की बात कार्यक्रम की 91वीं कड़ी है। अपने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हम लोगों ने पहले इतनी सारी बातें की हैं, अलग अलग विषयों पर अपनी बात साझा की है, लेकिन इस बार मन की बात खास है।’ जानिए अपने कार्यक्रम में क्या- क्या कहा पीएम मोदी-
Mann Ki Baat Updates:
साथियो, Classroom हो या खेल का मैदान, आज हमारे युवा, हर क्षेत्र में, देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। इसी महीने, PV Sindhu ने Singapore Open का अपना पहला ख़िताब जीता है। Neeraj Chopra ने भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हुए World Athletics Championship में देश के लिए Silver Medal जीता है। Ireland Para Badminton International में भी हमारे खिलाड़ियों ने 11 पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है | Rome में हुए World Cadet Wrestling Championship में भी भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया- पीएम मोदी
मेरे प्यारे देशवासियो, आपको ध्यान होगा, ‘मन की बात’ के एक Episode में मैंने कहा था कि भारत के पास Toys Exports में Powerhouse बनने की पूरी क्षमता है | मैंने Sports और Games में भारत की समृद्ध विरासत की खासतौर पर चर्चा की थी।  देश में जगह-जगह खिलौनों के जो Clusters हैं, खिलौने बनाने वाले जो छोटे-छोटे उद्यमी हैं, उन्हें, इसका बहुत लाभ हो रहा है | इन छोटे उद्यमियों के बनाए खिलौने, अब, दुनियाभर में जा रहे हैं। भारत के Toy सेक्टर ने खुद को Transform करके दिखा दिया है। Indian Manufacturers, अब, Indian Mythology, History और Culture पर आधारित खिलौने बना रहे हैं। भारत के खिलौना निर्माता, विश्व के प्रमुख Global Toy Brands के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं | मुझे ये भी बड़ा अच्छा लगा, कि, हमारा Start-Up Sector भी खिलौनों की दुनिया पर पूरा ध्यान दे रहा है | वे इस क्षेत्र में कई मजेदार चीजें भी कर रहे हैं। बेंगलुरु में, Shumme (शूमी) Toys नाम का Start-Up Eco-friendly खिलौनों पर focus कर रहा है | गुजरात में Arkidzoo (आर्किड्जू) Company AR-based Flash Cards और AR-based Storybooks बना रही हैं। पुणे की Company, Funvention (फन्वेंशन) Learning, खिलौने और Activity Puzzles (पजल्स) के जरिये Science, Technology और Maths में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने में जुटी है- पीएम मोदी
अगले कुछ दिन में Culture Ministry एक competition भी शुरू करने जा रही है, जहाँ, मेलों की सबसे अच्छी तस्वीरें भेजने वालों को इनाम भी दिया जाएगा  तो फिर देर नहीं कीजिए, मेलों में घूमियें, उनकी तस्वीरें साझा करिए, और हो सकता है आपको इसका ईनाम भी मिल जाए। प चाहें तो किसी खास हैशटैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं | इससे उन मेलों के बारे में दूसरे लोग भी जानेंगे। आप Culture Ministry की website पर भी तस्वीरें upload कर सकते हैं। हमारे युवाओं को इनसे जरुर जुड़ना चाहिए और आप जब भी ऐसे मेलों में जाएं, वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर करें- पीएम मोदी
साथियो, हमारे देश में अलग- अलग राज्यों में आदिवासी समाज के भी कई पारंपरिक मेले होते हैं | इनमें से कुछ मेले आदिवासी संस्कृति से जुड़े हैं, तो कुछ का आयोजन, आदिवासी इतिहास और विरासत से जुड़ा है। जैसे कि, आपको, अगर मौका मिले तो तेलंगाना के मेडारम का चार दिवसीय समक्का-सरलम्मा जातरा मेला देखने जरुर जाईये | इस मेले को तेलंगाना का महाकुम्भ कहा जाता है। सरलम्मा जातरा मेला, दो आदिवासी महिला नायिकाओं – समक्का और सरलम्मा के सम्मान में मनाया जाता है | ये तेलंगाना ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश के कोया आदिवासी समुदाय के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। आँध्रप्रदेश में मारीदम्मा का मेला भी आदिवासी समाज की मान्यताओं से जुड़ा बड़ा मेला है | मारीदम्मा मेला जयेष्ठ अमावस्या से आषाढ़ अमावस्या तक चलता है और यहाँ का आदिवासी समाज इसे शक्ति उपासना के साथ जोड़ता है। इसी तरह राजस्थान में गरासिया जनजाति के लोग वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को ‘सियावा का मेला’ या ‘मनखां रो मेला’ का आयोजन करते हैं। छत्तीसगढ़ में बस्तर के नारायणपुर का ‘मावली मेला’ भी बहुत खास होता है- पीएम मोदी
साथियो, आप सब जानते हैं कि, शहद को, हमारे पारंपरिक स्वास्थ्य विज्ञान में कितना महत्व दिया गया है | आयुर्वेद ग्रंथों में तो शहद को अमृत बताया गया है। शहद, न केवल हमें स्वाद देता है, बल्कि आरोग्य भी देता है। शहद, न केवल हमें स्वाद देता है, बल्कि आरोग्य भी देता है | शहद उत्पादन में आज इतनी अधिक संभावनाएं हैं कि professional पढ़ाई करने वाले युवा भी, इसे, अपना स्वरोजगार बना रहे हैं।Quality Check के लिए लखनऊ में अपनी एक लैब भी बनवाई | निमित जी अब शहद और Bee Wax से अच्छी कमाई कर रहे हैं, और अलग-अलग राज्यों में जाकर किसानों को प्रशिक्षित भी कर रहे हैं।ऐसे ही एक युवा हैं – यू.पी. में गोरखपुर के निमित सिंह | निमित जी ने बी.टेक किया है | उनके पिता भी डॉक्टर हैं, लेकिन, पढाई के बाद नौकरी की जगह निमित जी ने स्वरोजगार का फैसला लिया | उन्होंने शहद उत्पादन का काम शुरू किया – पीएम मोदी
मेरे प्यारे देशवासियो, आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत, 13 से 15 अगस्त तक, एक Special Movement – ‘हर घर तिरंगा- हर घर तिरंगा’ का आयोजन किया जा रहा है। इस movement का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक, आप, अपने घर पर तिरंगा जरुर फहराएं, या उसे, अपने घर पर लगायें मेरा एक सुझाव ये भी है, कि 2 अगस्त से 15 अगस्त तक, हम सभी, अपनी Social Media Profile Pictures में तिरंगा लगा सकते हैं। तिरंगा हमें जोड़ता है, हमें देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है- पीएम मोदी
साथियो, मुझे ये देखकर बहुत ख़ुशी होती है, कि, आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है | सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग इससे जुड़े अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में बहुत सारे कलाकारों ने सुंदर प्रस्तुतियाँ दी | इतिहास को ज़िंदा कर दिया | इसमें एक carnival का आयोजन भी किया गया, जिसमें, मेघालय की महान संस्कृति को बड़े ही खूबसूरत तरीके से दर्शाया गया। टिरोत सिंह जी ने खासी हिल्स (Khasi Hills) पर नियंत्रण करने और वहाँ की संस्कृति पर प्रहार करने की अंग्रेजों की साजिश का जमकर विरोध किया था। ऐसा ही एक कार्यक्रम इस महीने की शुरुआत में मेघालय में हुआ | मेघालय के बहादुर योद्धा, यू. टिरोत सिंह जी की पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें याद किया। अब से कुछ हफ्ते पहले, कर्नाटका में, अमृता भारती कन्नडार्थी नाम का एक अनूठा अभियान भी चलाया गया | इसमें राज्य की 75 जगहों पर आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े बड़े भव्य कार्यक्रम आयोजित किये गए। इनमें कर्नाटका के महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के साथ ही स्थानीय साहित्यिक उपलब्धियों को भी सामने लाने की कोशिश की गई- पीएम मोदी
इसका कारण है, इस बार का स्वतंत्रता दिवस, जब भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करेगा।हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। ईश्वर ने ये हमें बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है। आप भी सोचिए, अगर हम गुलामी के दौर में पैदा हुए होते, तो, इस दिन की कल्पना हमारे लिए कैसी होती ? गुलामी से मुक्ति की वो तड़प, पराधीनता की बेड़ियों से आज़ादी की वो बेचैनी – कितनी बड़ी रही होगी। जब हम, हर सुबह इस सपने के साथ जग रहे होते, कि मेरा हिंदुस्तान कब आज़ाद होगा और हो सकता है हमारे जीवन में वो भी दिन आता जब वंदेमातरम और भारत माँ की जय बोलते हुए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए, अपना जीवन समर्पित कर देते, जवानी खपा देते।वो दिन, जब हम, हर दिन, लाखों-लाख देशवासियों को आज़ादी के लिए लड़ते, जूझते, बलिदान देते देख रहे होते- पीएम मोदी
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