भाई दूज का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए मुख्य त्यौहारों में से एक है। हर वर्ष भाई दूज का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। हमारे देश में हर त्यौहार मनाने के पीछे एक कारण छिपा होता है ठीक उसी प्रकार भाई दूज के पर्व के पीछे भी दो कारण हैं।
इन दो कारणों में से एक कारण यमराज और उनकी बहन यमुना से संबंधित है वहीं दूसरा कारण भगवान कृष्ण और सुभद्रा से जुड़ा हुआ है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस कारण की वजह से भगवान कृष्ण और सुभद्रा का भाई दूज के त्यौहार से संबंध माना जाता है।
भाई दूज का पर्व मनाने के पाछे मुख्य कारण है कि इस दिन बहने अपने भाई के माथे पर टिका लगाती हैं और भाई उन्हें तोहफे या शगुन देते हैं। आपको बता दें कि इस दिन बहने व्रत को पूर्ण करके अपने भाई के लिए लंबी उम्र की प्रार्थना भगवान यम और यमुना से करती हैं आपको बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही भाई बहन का रिश्ता भी मजबूत होता है। कई परंपराओं के अनुसार भाई दूज पर बहनें अपने भाई को नारियल देती हैं और गोधन को भी कूटती हैं।
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भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई कई सारी कथाएं हिंदू पुराणों में शामिल हैं। आपको बता दें कि सुभद्रा जी भगवान श्रीकृष्ण की बहन थी। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने नराकासुर का वध किया था। इसके बाद वह अपनी बहन से मिलने गए थे।
आपको बता दें कि ऐसा माना दाता है कि इस दिन सुभद्रा ने उनका स्वागत किया और आरती थी कि था। यहीं नहीं सुभद्रा ने भगवान कृष्ण जी के माथे पर टीका भी किया था और कृष्ण जी ने उन्हें हमेशा रक्षा करने का वचन दिया था। इस कारण से ही भाई दूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और सुभद्रा से जुड़ा हुआ है।
आपको बता दें कि इस दिन यमराज और यमुना की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन यमराज अपनी बहन से कई सालों के बाद मिलने आए थे और यमुना जी ने उनका स्वागत करके टिका किया था।
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साथ ही उन्होंने अपने घर पर यमराज को भोजन भी कराया था और हर वर्ष उन्हें आने के लिए कहा था। इस कारण से ही भाई दूज के पर्व पर मुख्य रूप से माता यमुना और यमराज जी का पूजन होता है।
तो यह थी भाई दूज से जुड़ी हुई एक पौराणिक कथा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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image credit-shutterstock/flickr
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