maut ke baad kya hota hai in hindi: मृत्यु के बाद 1 घंटे तक शरीर में होती हैं ये 7 चीजें, आत्मा को होता है अजब-गजब अनुभव – Lokmat Hindi

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By मेघना वर्मा | Published: May 18, 2020 09:33 AM2020-05-18T09:33:52+5:302020-05-18T09:47:29+5:30
जीवन के बाद मृ्त्यु का आना एक शाश्वत सत्य है। मृत्यु को टाला नहीं जा सकता। जो इस धरती पर आया है उसे अपने शरीर को त्यागना जरूर पड़ता है। हिन्दू धर्म की मानें तो शरीर में मौजूद ऊर्जा, जिसे हम आत्मा कहते हैं वो कभी मरती नहीं। मृत्यु के कुछ समय तक आत्मा को अजब-गजब अनुभव से गुजरना पड़ता है। 
आइए आज आपको बताते हैं हिन्दू पुराणों के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या-क्या होता है। इस बात का उल्लेख पुराणों में मिलता है। सिर्फ यही नहीं बहुत सारी लोक कथाओं के माध्यम से भी इस चीज को बताया जाता है। मृत्यु के कुछ समय तक आत्मा को भी कई अनुभवों से गुजरना पड़ता है। ये अनुभव आत्मा के लिए भी दुखद और कष्टकारी होता है। 
आत्मा जिस समय शरीर से निकलती है तो थोड़ी देर अचेत अवस्था में रहती है। जिस तरह बहुत परिश्रम करने के बाद थका हुआ मनुष्य गहरी नींद में होता है। मगर कुछ समय बाद ही वो सचेत हो जाती है। 

जब व्यक्ति के शरीर से उसकी आत्मा निकलती है तो उसे कुछ समय तक पता ही नहीं चलता कि वो शरीर से अलग हो गई है। उसी तरह आत्मा शरीर के बाहर आकर व्यवहार करती है जैसे वो शरीर के अंदर करती है। 
बताया जाता है कि शरीर से बाहर निकलकर जब आत्मा अपने सगे-संबंधियों को पुकारती है तो उसकी आवाज कोई नहीं सुनता। आत्मा को अब बेचैनी और छटपटाहट होने लगती है। आत्मा परेशान होकर हर बार कुछ कहना चाहती है मगर किसी को वो ध्वनि सुनाई नहीं देती।
दुनिया के इस माया जाल में फंसी आत्मा को शरीर छोड़ने में दुख होता है। कभी वो अपने सगे-संबंधियों से बात करने की कोशिश करती है। मगर उसके सारे प्रयास विफल होते हैं। 

लोककथाओं की मानें तो आत्मा फिर से शरीर में आने का प्रयास जरूर करती है मगर यम के दूत उसे शरीर में प्रवेश नहीं करने देते। धीरे-धीरे व्यक्ति की आत्मा स्वीकार लेती है कि अब जाने का वक्त आ गया है। 
मृत शरीर से अलग होकर आत्मा को पीड़ा होती है। खासकर अपने प्रिय जनों को रोता बिलखता देखकर। इसके बाद लाचार आत्मा अपने बुरे कर्मों को याद करके दुखी होता है। इसके बाद वो यममार्ग की ओर चलते हैं। 
मृत्युलोक में पहुंचने के बाद इंसान को कर्म के अनुसार न्याय दिया जाता है। वो एक ऐसी जगह पर पहुंचते हैं जहां ना सूर्य होता है ना चांद। कुछ आत्माएं जल्दी शरीर धारण कर लेती हैं तो कुछ लंबे समय तक विश्राम के बाद अपनी इच्छा के अनुसार नया शरीर धारण करती हैं। 
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