Magh Shivratri 2022 माघ शिवरात्रि बेहद खास, डबल लाभ देंगे महादेव – Navbharat Times

माघ शिवरात्रि महाशिवरात्रि से ठीक एक महीने पहले माघ मास की चतुर्दशी तिथि को आती है। इस शिवरात्रि को माघ मास शिवरात्रि और माघ शिवरात्रि के नाम से पुकारते हैं। धार्मिक दृष्टि से माघ मास की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और देवी पार्वती का रिश्ता तय हुआ था और बसंत पंचमी के दिन भगवान शिव का शगुन यानी छेका हुआ था।
इसके बाद फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व है। इस दिन को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं। यानी इस दिन व्रत रखकर भोले बाबा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है और वह यम यातना औऱ नरक यातना से बच जाता है।
नकर निवारण चतुर्दशी और माघ मास की मासिक शिवरात्रि इस वर्ष 30 जनवरी यानी आज है। इस दिन शाम तक त्रयोदशी तिथि रहेगी इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। ऐसे में भोले के भक्तों को माघ शिवरात्रि का व्रत पूजन करने से प्रदोष व्रत और त्रयोदशी तिथि के व्रत पूजन का भी लाभ प्राप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ चतुर्दशी यानी माघ शिवरात्रि के दिन भोले की पूजा और व्रत रखने से अकाल मृत्यु का भय भी दूर होता है और सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
माघ शिवरात्रि मुहूर्त
30 जनवरी यानी आज शाम 5 बजकर 29 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ
31 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त
निशीथ काल में पूजा का समय रात 12 बजकर 8 मिनट से रात 1 बजकर 1 मिनट तक।
नरक निवारण चतुर्दशी माघ शिवरात्रि व्रत विधि
माघ मास की शिवरात्रि के दिन गृहस्थ लोग सुबह स्नान ध्यान करके भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती की पूजा करें। पूजा में भगवान शिव को तिल, घी, शहद, बेर अर्पित करें। शाम को भगवान शिव की पूजा आरती के बाद बेर और सेम खाकर व्रत का पारण करें। साधक गण निशीथ काल में शिवजी की पूजा पूजा अर्चना करें। धन, सौभाग्य, सेहत के लिए इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं। इस दिन रुद्राभिषेक करना बहुत ही उत्तम फलदायी माना गया है।
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