हरिद्वार: धर्म संसद में विवादित बयानों का पूरा मामला क्या है – BBC हिंदी

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हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित धर्म संसद में हिंदुत्व को लेकर साधु-संतों के विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
इन वीडियो में धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिम प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिम आबादी न बढ़ने देने समेत धर्म की रक्षा के नाम पर विवादित भाषण देते हुए साधु-संत दिखाई देते हैं. महिला संत भी कॉपी-किताब रखने और हाथ में शस्त्र उठाने जैसी बात कहती हुई नज़र आती हैं.
इस आयोजन से संबंधित वीडियो के वायरल होने के कई घंटे बाद तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते ज़िला प्रशासन पर सवाल उठने लगे थे.
हालांकि गुरुवार को देहरादून में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई. जिसमें हरिद्वार के एसएसपी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए.
इस बैठक के बाद, राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने एसएसपी हरिद्वार को इस मामले पर क़ानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जिसके बाद आईपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
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देरी से मामला दर्ज होने की वजहों पर उन्होंने कहा, "दोपहर में मामला संज्ञान में आया और उसके बाद क़ानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई."
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया, "इस तरह के भड़काऊ बयान ग़लत हैं, इसलिए हमने इन वीडियोज को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने को भी कहा है."
वहीं, उत्तराखंड पुलिस ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, "सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है और विधिक कार्यवाही प्रचलित है."
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'भगवा संविधान'
धर्म संसद में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और ग़ाज़ियाबाद के साधु यति नरसिंहानंद सरस्वती, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और दक्षिणवादी संगठन हिंदू रक्षा सेना के स्वामी प्रबोधानंद, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा समेत धर्म संसद के आयोजक पंडित अधीर कौशिक समेत हज़ार से अधिक महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत जुटे. जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी समेत हरिद्वार के सभी प्रमुख अखाड़े इसमें शामिल रहे.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी धर्म संसद में शामिल हुए.
धर्म संसद में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय इस आयोजन में 'भगवा संविधान' लेकर आए और कहा, "हिंदुस्तान में, हिंदी भाषा में, भगवा रंग में, संविधान हमें विशेष रूप से बनवाना पड़ रहा है. ये शर्म की बात है."
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और प्रबोधानंद गिरि ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा, "अफ़ग़ानिस्तान पर जो तालिबानी कब्ज़ा हुआ है, ऐसी अशांति भारत में भी हो सकती है. ये हिंदुओं की ज़िम्मेदारी है कि विश्व में अशांति न हो. आज हिंदुओं का अपना कर्तव्य को निभाने का अवसर आ गया है."
प्रबोधानंद गिरि दावा करते हैं, "हिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं और हरिद्वार में मुस्लिम आबादी का दबदबा बढ़ रहा है. अगर हिंदुओं पर कोई हमला होता है तो हम आत्मरक्षा के लिए शस्त्र उठा सकते हैं."
लेकिन अपने दावों के पक्ष में वे कोई साक्ष्य नहीं पेश कर पाते हैं और इन दावों की कोई विश्वसनीयता भी नहीं है.
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अखिल भारतीय संत परिषद के संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती प्रेस को संबोधित करते हुए (फ़ाइल फ़ोटो)
उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च तक विधानसभा चुनाव होने हैं. कुछ जानकार मानते हैं कि यह सबकुछ चुनाव से पहले की रणनीति है.
लेकिन प्रबोधानंद कहते हैं, "चुनाव से हमारा कोई लेना देना नहीं है. 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से हमने हिंदुओं की रक्षा का अभियान शुरू किया है. हरिद्वार के सभी महात्मा हमें समर्थन दे रहे हैं."
हरिद्वार में धर्म संसद के स्थानीय आयोजक और परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक कहते हैं, "पिछले सात वर्षों से इस तरह के धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. इससे पहले दिल्ली, ग़ाज़ियाबाद में भी ऐसी धर्म संसद की जा चुकी है. जिसका उद्देश्य हिंदू राष्ट्र बनाने की तैयारी करना है. इसके लिए शस्त्र उठाने की ज़रूरत पड़ी तो वो भी उठाएंगे."
वह बताते हैं, "धर्म संसद में प्रस्ताव रखा गया है कि जो हिंदू युवा ग़लत नीतियों के कारण फंसाए जाते हैं, उनके परिवार की रक्षा के लिए और उनकी ज़मानत कराने के लिए हम हर संभव मदद करेंगे. हमसे दो बच्चे पैदा करने की बात कही जाती है और उनके 12-20-40 तक बच्चे होते हैं. जनसंख्या नियंत्रण क़ानून सख्ती से लागू किया जाए."
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पंडित अधीर के मुताबिक़, अप्रैल-मई में मथुरा के वृंदावन में अगली धर्म संसद की तैयारी चल रही है.
धर्म संसद के संकल्प की घोषणा करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज कहते हैं "अब हर हिन्दू का लक्ष्य केवल सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना होना चाहिये. आज ईसाइयों के 100 के करीब देश हैं. मुसलमानों के 57 हैं, बौद्धों के भी 8 देश हैं. यहाँ तक कि मात्र नब्बे लाख यहूदियों का भी एक अपना देश इसराइल है. सौ करोड़ हिन्दुओं का दुर्भाग्य है कि उनके पास अपना देश कहने के लिये एक इंच भी जगह नहीं है. अब हिन्दुओं को अपने राष्ट्र के लिए पूरी जान लगानी पड़ेगी."
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हरिद्वार के स्थानीय पत्रकार धर्मेंद्र चौधरी कहते हैं कि यहां इस तरह के आयोजन हर छह-आठ महीने पर किए जाते हैं और इस तरह की बातें चलती रहती हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का ध्यान इस पर जा रहा है.
वह बताते हैं "जूना अखाड़े के प्रबोधानंद गिरी चर्चा में आने के लिए इस तरह की बातें कहते रहते हैं. लेकिन नरसिंहानंद और अधीर कौशिक इसे मिशन के तौर पर लेकर कार्य कर रहे हैं."
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्वीट करके इस सभा पर और यहां दिए गए बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है.
उन्होंने ट्वीट किया- "मुनव्वर फ़ारूक़ी को उनके कथित चुटकुलों के लिए दंडित किया गया लेकिन 'धर्म संसद' के सदस्यों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं."
धर्म संसद में कही गई बातों पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी कहती हैं, "युवाओं के लिए रोज़गार मांगने की बजाय, महंगाई के मुद्दे पर धर्म संसद करने के बजाय ये मुठ्ठी भर लोग जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. ठीक चुनाव से पहले हिंदुस्तान, पाकिस्तान, मुसलमान, यही सब इनका एजेंडा रह जाता है. कोविड महामारी के समय जब गंगा में लाशें तैर रही थीं तो उसमें हिंदू-मुस्लिम सभी थे. उस वक्त हिंदू धर्म के झंडा बरदार दाह संस्कार के लिए क्यों नहीं आए. इस तरह की मानसिकता वाले लोग देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं."
दसौनी का कहना है कि जो बयान दिये गए वे भड़काऊ थे और अदालत को, पुलिस को इस पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.
उस दिन हरिद्वार में थे जेपी नड्डा और पुष्कर धामी
ये धर्म संसद 17 से 19 दिसंबर तक चली.
18 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हरिद्वार में विजय संकल्प यात्रा शुरू करने के लिए मौजूद थे.
उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी कार्यक्रम में मौजूद थे.
कौशिक हरिद्वार से विधायक भी हैं. वह इस पूरे घटनाक्रम से खुद को अनजान बताते हैं.
उनका कहना है, "मैं इस पर पता करूंगा कि ऐसी कौन सी धर्म संसद हुई जो मेरी जानकारी में नहीं है. मेरे पास सुबह भी इसे लेकर फ़ोन आए. 18 दिसंबर को तो जेपी नड्डा जी के कार्यक्रम में हम सब हरिद्वार में ही थे".
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