Lord Vishnu: जानें भगवान विष्णु के 4 महीने तक सोने का रहस्य – News18 हिंदी

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Sleeping Secret Of Lord Vishnu: ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों को सभी देवी देवताओं में श्रेष्ठ माना गया है. इनसे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. जिनका उल्लेख शास्त्रों में मिलता है. आपने सुना होगा कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) 4 महीने के लिए सो जाते हैं. उस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ना विवाह ना ही गृह प्रवेश. 4 महीने सभी शुभ कार्यों को निषेध माना गया है. इसको लेकर आपके मन में भी सवाल (Question) आता होगा कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि ये चार महीने (Four Months) शुभ कार्य नहीं किए जाते. मान्यता के अनुसार इन चार महीने भगवान विष्णु सोते हैं. जिसके कारण ऐसा होता है. आज हम जानेंगे कि आखिर क्यों भगवान विष्णु को इतने लंबे समय के लिए सोना पड़ा, या फिर उनके 4 महीने सोने के पीछे क्या रहस्य छिपा है? जानेंगे इससे जुड़ी पौराणिक कथा के माध्यम से.
कब सोते हैं और कब जागते हैं भगवान विष्णु
मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्त‌िक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तक 4 महीने के लिए सोते हैं. शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि भगवान विष्णु जितने समय के लिए सोते हैं. उस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, जनेऊ और मकान की नीव डालना जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं.
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पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि ने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य जमा लिया था. जिससे घबराकर इंद्रदेव भगवान विष्णु के पास पहुंचे और बताया कि राजा बलि ने तीनों लोकों पर अधिकार पा लिया है. उस समय भगवान विष्णु ने वामन का रूप धारण कर राजा बलि से दान मांगने पहुंच गए. उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी. दो पग में भगवान वामन ने धरती और आसमान को नाप लिया और राजा बलि से पूछा कि तीसरा पैर कहां रखें. तो उन्होंने कहा कि मेरे सिर पर रख दीजिए. इस तरह भगवान विष्णु ने वामन का अवतार लेकर बलि से तीनों लोकों को मुक्त करवाया और देवराज इंद्र का भय दूर किया. वहीं राजा बलि के दानशीलता और भक्ति भाव से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने वर मांगने के लिए कहा, बलि ने भगवान विष्णु से अपने साथ पाताल चलकर हमेशा वहीं रहने का वर मांगा.
भगवान विष्णु बलि के साथ पाताल लोक में रहने के लिए चले गए. विष्णु के पाताल जाने से सभी देवी देवता और माता लक्ष्मी चिंतित हो गए. माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को पाताल लोक से मुक्ति दिलाने के लिए एक चाल चली और एक गरीब स्त्री का रूप धारण कर राजा बलि को राखी बांधी और भगवान विष्णु को छुड़ाने का वचन मांगा.
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वहीं भगवान विष्णु अपने भक्त को उदास नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने राजा बलि को वचन दिया कि वह आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तक यानी 4 महीने पाताल लोक में निवास करेंगे. इसीलिए ये 4 महीने भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं. वहीं वामन रूप में भगवान विष्णु का एक अंश पाताल लोक में रहता है.
अन्य कथा के अनुसार
अन्य कथा के अनुसार भगवान विष्णु का शंखचूर नामक एक राक्षस से युद्ध हुआ. उस युद्ध में राक्षस मारा गया. वहीं इस युद्ध में भगवान विष्णु बहुत थक गए थे, तो उन्होंने अपना काम भगवान शिव को सौंप कर योगनिद्रा में चले गए. इन चार महीने भगवान शिव ही भगवान विष्णु के पूरे कार्य देखते हैं. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Religion

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