TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Oct 18, 2022 | 1:31 PM
दुनिया के सबसे अमीर शख्स इलॉन मस्क (Elon Musk) भारत में मोबाइल सर्विस शुरू कर सकते हैं. इसके लिए उन्होंने टेलीकॉम विभाग में एक अरजी लगाई है. दरअसल मस्क की कंपनी स्पेस एक्स की ओर से टेलीकॉम विभाग में मोबाइल की सैटेलाइट सर्विस के लिए आवेदन दिया गया है. इस सर्विस को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सेटेलाइट यानी कि GMPCS कहा जाता है. स्पेस एक्स ने इसी जीएमपीसीएस के लाइसेंस के लिए भारत में टेलीकॉम विभाग में आवेदन दाखिल किया है.
इलॉन मस्क को अगर इस सर्विस का लाइसेंस मिल जाता है, तो वे स्पेस से ब्रॉडबैंड की सेवा देंगे और उनके ब्रांड का नाम स्टारलिंक होगा. अगर आपको याद हो तो कुछ महीने पहले खबर आई थी कि इलॉन मस्क भारत में अपनी कंपनी स्टारलिंक के जरिये सैटेलाइट से मोबाइल सर्विस शुरू करेंगे. सरकार ने तुरंत इस खबर का खंडन किया और कहा कि मस्क की कंपनी की ओर से कोई आवेदन नहीं दिया गया है. इसलिए सर्विस शुरू करने का सवाल ही नहीं उठता.
इस दफे स्पेस एक्स फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक बताती है कि पिछले हफ्ते अमेरिकी की सेटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनी स्पेस एक्स ने भारत में सर्विस के लिए अप्लाई किया है. रिपोर्ट यह भी कहती है कि स्पेस एक्स ने पूर्व में भारत में एक्सपेरिमेंटल लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. लेकिन इस बार जीएमपीसीएस लाइसेंस के लिए आवेदन दिया गया है.
ऐसा नहीं है कि इलॉन मस्क की कंपनी पहली है जिसने सेटेलाइट मोबाइल सर्विस के लिए भारत में आवेदन दिया है. इससे पहले टेलीकॉम विभाग ने भारती ग्रुप की कंपनी वन वेब और रिलायंस जियो इंफोकॉम की सेटेलाइट कंपनी को जीएमपीसीएस का लाइसेंस मंजूर कर दिया है. इस हिसाब से इलॉन मस्क की कंपनी धीमी चल रही है जिसने अभी सर्विस के लिए अप्लाई ही किया है.
टेलीकॉम विभाग के अधिकारियों के हवाले से ‘ET’ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जीएमपीसीएस लाइसेंस मिलने का अर्थ ये नहीं हुआ कि स्पेस एक्स जल्दी में भारत में अपनी सर्विस शुरू कर देगी. इसमें अभी वक्त लगेगा क्योंकि टेलीकॉम से मंजूरी मिलने के बाद अंतरिक्ष विभाग से अनुमति लेनी होगी. उसके बाद स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा, तब जाकर कहीं सर्विस शुरू हो सकेगी.
सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्पेस एक्स को भारत में अर्थ स्टेशन यानी कि टॉवर लगाने होंगे. भारत में सेटेलाइट बैंडविड्थ की क्षमता का विस्तार करना होगा. इस तरह की अनुमति के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर से क्लियरेंस लेना होगा. यही वह सरकारी संस्था है जो प्राइवेट स्पेस कंपनियों को रेगुलेट करती है. दरअसल भारत में सेटेलाइट ब्रॉडबैंक के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आने वाली है और 2025 तक इसका बाजार 13 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
इस सेटेलाइट ब्रॉडबैंक की दौड़ में कई कंपनियां हैं जो भारत में अपना कारोबार बढ़ाना चाहती हैं. इनमें जियो, वन वेब, टाटा ग्रुप की नेलको, कनाडा की टेलीसैट और अमेजॉन के नाम हैं. हालांकि अभी तक सिर्फ तीन कंपनियों ने ही टेलीकॉम विभाग से लाइसेंस मांगा है जिसमें स्पेस एक्स भी शामिल है.
Channel No. 524
Channel No. 320
Channel No. 307
Channel No. 658
Author Profile
Latest entries
- राशीफल2024.05.02Aaj Ka Rashifal: वृषभ, सिंह और मीन राशि वालों के लिए दिन रहेगा अनुकूल, पढ़ें दैनिक राशिफल – अमर उजाला
- लाइफस्टाइल2024.05.02Working Women फिट रहने के लिए जरूर फॉलो करें ये लाइफस्टाइल टिप्स काम के साथ-साथ सेहत भी रहेगी दुरुस्त | T – TheHealthSite Hindi
- धर्म2024.05.02Love Jihad in Indore: हिंदू छात्रा से दोस्ती कर बताया धर्म परिवर्तन का दबाव, आरोपित अल्फेस खान गिरफ्तार – Nai Dunia
- विश्व2024.05.02ENBA अवॉर्ड्स में आजतक की बादशाहत बरकरार, बेस्ट शो से लेकर बेस्ट कवरेज को मिले कई अवॉर्ड – Aaj Tak