Madhya Pradesh: मतांतरण मामले में आर्य समाज ने हाई कोर्ट में रखा पक्ष, कहा-तीन बार गंगाजल पिलाकर करते हैं शु.. – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

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Madhya Pradesh मतांतरण मामले में आर्य समाज ने हाई कोर्ट में कहा कि यदि कोई महिला या पुरुष हिंदू धर्म अपनाने की इच्छा रखते हुए मंदिर आता है तो उससे गायत्री मंत्र का उच्चारण करवाते हैं। तीन बार गंगाजल पिलाकर उसका शुद्धीकरण किया जाता है।

ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच की युगल पीठ में बुधवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से मतांतरण (धर्म परिवर्तन) की विधि स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि यदि कोई महिला या पुरुष हिंदू धर्म अपनाने की इच्छा रखते हुए मंदिर आता है तो उससे गायत्री मंत्र का उच्चारण करवाते हैं। तीन बार गंगाजल पिलाकर उसका शुद्धीकरण किया जाता है। उसे शपथ दिलाई जाती है कि उसका अपने धर्म से मन भर गया है, इसलिए हिंदू धर्म को स्वीकार कर रहे हैं। आर्य समाज मंदिर सनातन धर्म के रीति-रिवाज से विवाह करवाते हैं। उन्होंने उस मामले में शपथ पत्र पेश किया, जिसमें कोर्ट ने पूछा था कि मंदिर में किस कानून के तहत मतांतरण करवाया जाता है। कोर्ट ने मंदिर ट्रस्ट के महासचिव निरंजन वशिष्ठ पर बहस के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि गलत शादियां कराकर ऐसे ट्रस्ट समाज के ढांचे को खराब कर रहे हैं। कोर्ट ने महासचिव को दो मई को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

जानें, क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि शिवपुरी जिले के पिछोर निवासी राहुल उर्फ गोलू ने 17 सितंबर, 2019 को घर से भागकर पिछोर की ही मुस्लिम लड़की से गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह किया था। लड़की के पिता ने पिछोर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। शादी के दो साल बाद दोनों वापस पिछोर आए और थाने में उपस्थित हुए। लड़की के नाबालिग होने से पुलिस ने लड़के पर दुष्कर्म का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। वहीं, लड़की ने पिता के साथ जाने से मना किया तो उसे नारी निकेतन में भेज दिया। राहुल ने हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पत्नी की वापसी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। उसकी ओर से कहा गया कि आर्य समाज मंदिर में दोनों विवाह किया है। विवाह से पहले लड़की का मतांतरण कराया था, विवाह के प्रमाण पत्र भी पेश किए। कोर्ट ने आर्य समाज मंदिर में हुए विवाह व मतांतरण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई जारी रखी और मंदिर प्रबंधन से जवाब मांगा था।

मंदिर प्रबंधन की ओर से ये तर्क भी दिए गए
– आर्य समाज मंदिर वंचित लोगों के विवाह कराने का काम करते हैं। कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता।
– जिस लड़की ने अपना धर्म परिवर्तन किया था, उसने गायत्री मंत्र व हनुमान चालीसा का पाठ किया। उसने कहा कि उसका इस्लाम धर्म में भरोसा नहीं रहा है। लड़की ने अपने नाम से खान शब्द भी हटाया है।

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