Indore Literature Festival केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा कि धर्मनिरपेक्षता मीठा जहर है जिसने भारत का बहुत नुकसान किया। इसके कारण आजादी के बाद देश बहुत भ्रमित-सा रहा और हमें नुकसान हुआ।
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता मीठा जहर है, जिसने भारत का बहुत नुकसान किया। इसके कारण आजादी के बाद देश बहुत भ्रमित-सा रहा और हमें नुकसान हुआ, जबकि पाकिस्तान को अपने जन्म के समय से स्पष्ट था कि उसे एक पूर्ण इस्लामिक राष्ट्र बनना है, और वह बना। वे अपनी पुस्तक ‘वीर सावरकर : द मेन हू कुड प्रिवेंट पार्टिशन’ (वीर सावरकर : व्यक्ति जो बंटवारा रोक सकता था) पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे। यह फेस्टिवल दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया (प्रिंट) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
माहुरकर ने कहा कि बंटवारा ऐसी त्रासदी है, जिसमें धार्मिक आधार पर भारत का एक विशाल अंग कटकर अलग हो गया। वीर सावरकर ने बंटवारे के कई वर्ष पहले से यह आशंका जता दी थी। यदि भारत के तत्कालीन नेतृत्वकर्ता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित कांग्रेस के अन्य लोग सावरकर की चेतावनी को समझ पाते और उचित निर्णय लेते तो भारत का बंटवारा नहीं होता। उन्होंने कहा कि जब-जब सीमा पर हमारे सैनिक वीरगति को प्राप्त होते हैं, तब-तब मुझे सावरकर याद आते हैं, क्योंकि उन्होंने स्पष्ट कहा था कि मोहम्मद अली जिन्ना के उकसावे पर मुस्लिमों को अलग देश दिया गया तो वे हथियार हासिल करके हम पर हमला करेंगे। दशकों से यही तो हो रहा है कि पाकिस्तान हमारे देश में आतंक फैला रहा है।
कांग्रेस के तुष्टीकरण ने करवाया बंटवारा
माहुरकर ने कहा कि बंटवारे के तीन प्रमुख कारण रहे, पहला- मुस्लिम लीग का सांप्रदायिक जहर फैलाने का अभियान, दूसरा- कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टीकरण और तीसरा- कांग्रेस का अति अहिंसावाद, जिसने हिंदुओं को सहिष्णु बना दिया, लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में तब मुस्लिम उग्र होते गए। इस उग्रता ने अंतत: भारत का बंटवारा करवा दिया।
पंचशील सिद्धांत में नेहरू को करनी चाहिए थीं रक्षा तैयारियां
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए माहुरकर ने कहा कि आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पंचशील सिद्धांत में रक्षा तैयारियां करनी चाहिए थीं, लेकिन हम शांति की चिकनी-चुपड़ी बातें करते रहे और पाकिस्तान-चीन हिंसक होते गए। एक प्रश्न ‘क्या पाकिस्तान को वापस भारत में मिलाया जा सकता है’Þ पर माहुरकर ने कहा- ‘आजादी के बाद की राजनीति ने हम भारतीयों में यह विश्वास ही खत्म कर दिया कि हम पाकिस्तान वापस ले सकते हैं, जबकि वह हमारा ही हिस्सा था, इसलिए उसे भारत में ही होना चाहिए था’Þ।
कबीर बेदी ने खोले दिल के राज
एक अन्य सत्र में फिल्म अभिनेता, निर्देशक कबीर बेदी ने अपने दिल के राज खोले। उनकी पुस्तक ‘स्टोरीज आइ मस्ट टेल : द इमोशनल लाइफ आफ एन एक्टर’ (कहानियां जो मुझे कहनी चाहिए : एक अभिनेता की मर्मस्पर्शी जिंदगी की कहानी) पर बात करते हुए उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि एक वक्त था, जब मेरे पास एक जोड़ी कपड़ा खरीदने के पैसे नहीं थे, लेकिन देश ने इतना प्यार दिया कि अब मानो पूरी दुनिया मेरे पास है। युवाओं को उन्होंने मेहनत की आग में स्वयं को सोने की तरह तपाने का संदेश दिया।
Edited By Sachin Kumar Mishra
कैबिनेट का स्वरूप कैसा रहेगा
Total Vaccination:1,83,82,41,743
Active:22,485
Death:5,16,654
Author Profile

Latest entries
राशीफल2023.05.30Aaj Ka Rashifal 18 February 2023: आज वृषभ, कन्या सहित इन 4 राशियों पर रहेगा शिवजी की विशेष कृपा, जानें अपना भविष्यफल – NBT नवभारत टाइम्स (Navbharat Times)
लाइफस्टाइल2023.05.30सत्यप्रेम की कथा में कियारा अडवाणी की दिखी बेपनाह प्यार की झलक – Navodaya Times
धर्म2023.05.30ऋतिक रोशन ने प्रेजेंट किया पैन इंडिया फिल्म ARM का टीजर, मलयालम सिनेमा की तस्वीर बदल सकता है ये मोमेंट – Aaj Tak
विश्व2023.05.30दुनिया में कुल कितने मुसलमान हैं? किस देश में सबसे ज्यादा इस्लाम को … – ABP न्यूज़