धर्म-कर्म: ईश्वर की पहचान करने के लिए आत्मवान होना जरूरी – Dainik Bhaskar

प्रखंड के तुलसिया पंचायत स्थित कुम्हारटोली गांव में सोमवार को दो दिवसीय संतमत सत्संग का आयोजन किया गया है। दो दिवसीय भव्य आयोजन के प्रथम दिन सोमवार को सत्संग स्थल पर हजारों कि संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान स्थानीय लोगों एवं युवाओं ने भी सत्संग स्थल पर व्यवस्था बनाये रखने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रथम दिन सोमवार को पुज्यपाद ओमानंद बाबा एवं पुज्यपाद स्वामी नारायण दास बाबा सहित अन्य पुज्यपाद बाबाओं ने अपने प्रवचन से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। बाबा ओमानंद जी महाराज ने कहा है कि ईश्‍वर सभी की आत्मा में विद्यमान है। और सभी की आत्मा ही ईश्वर है। लेकिन सामान्यत: मनुष्य इसे कभी महसूस नहीं कर पाता। उसके लिए आत्मवान होना जरूरी है। परमात्मा दूर से दूर और पास से भी पास है। परमात्मा सर्वव्यापक है लेकिन माया के आवरण से परमात्मा की प्रतीति नहीं होती। परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग अंतरात्मा से होकर ही है। इसे जानना और समझना आवश्यक है। इसके लिए सत्संग जरुरी है। लोभ, मोह, क्रोध, माया के वशीभूत मनुष्य स्वयं के बारे में ही नहीं सोच पाता। मैं कौन हूं, कहां से आया, आने का उद्देश्य क्या है। भगवत भजन, सत्संग और साधुओं की संगत से विकार दूर होते हैं। यहां के युवाओं में बहादुर साह, अनवीर प्रसाद सिंह, शिव लाल साह, अजय पंडित, विनोद पंडित, नरेश पंडित, सियाराम सिंह, तारकेश्वर साह, सुजीत पूर्वे, प्रकाश साह, पंजाबी पंडित, अनिल पंडित, दीपु पंडित, शिबू साह, मुकेश महान, नीरज पंडित, बलराम सिंह, शिवाजी गणेश, घौरी गणेश, प्रमोद गणेश, तेज नारायण गणेश, प्रमोद साह, लक्ष्मण गणेश आदि लगे हुए है।
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