क्या आप जानते हैं रक्षा बंधन से जुड़ी इन पौराणिक कथाओं के बारे में? – News18 हिंदी

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Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) पर्व क्यों मनाया जाता है? ये सवाल जब किसी के सामने आता है, तो सबसे पहले रानी कर्णावती और हूमायूं का ज़िक्र ही किया जाता है. ज्यादातर लोग यही जानते हैं, कि चित्तौड़ के शासक महाराणा विक्रमादित्य के राज्य पर जब गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह ने आक्रमण किया था. तब उनकी पत्नी रानी कर्णावती ने सेठ पद्मशाह के हाथों हुमायूं को राखी (Rakhi) भेज कर मदद मांगी थी. लेकिन रक्षा बंधन मनाये जाने से जुड़ी ये कोई अकेली कहानी नहीं है. कई और भी पौराणिक कथाएं हैं, जो इस बात की जानकारी देती हैं कि रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है. आइये जानते हैं इन पौराणिक कथाओं के बारे में.
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श्रीकृष्ण और द्रौपदी का रक्षा बंधन
इस पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ में राजसूय यज्ञ कर रहे थे, तब सभा में  मौजूद शिशुपाल ने श्रीकृष्ण का अपमान किया था. जिसकी वजह से श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया था. इसी सुदर्शन चक्र से उनकी खुद की छोटी उंगली भी कट गयी थी, जिससे रक्त बह रहा था. इसी दौरान द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली में बांध दिया था. तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को रक्षा का वचन दिया था जिसके बाद चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की थी.
शचि ने इंद्रदेव को बांधी थी राखी
एक और पौराणिक कथा के अनुसार देवराज इंद्र की पत्नी शचि ने अपने पति की रक्षा के लिए उनको ही राखी बांधी थी. कहा जाता है कि वृत्रासुर नाम के असुर ने देवराज इंद्र से युद्ध किया था. तब वृत्रासुर से अपने पति की रक्षा के लिए इंद्राणी शचि ने अपने तप से एक रक्षासूत्र तैयार किया था. जिसको श्रावण पूर्णिमा के दिन उन्होंने इंद्र की कलाई में बांधा था. इस रक्षासूत्र ने इंद्र की रक्षा करके उनको विजय दिलाई थी.
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सिकंदर की पत्नी ने भेजी थी पुरु को राखी
कहते हैं कि जब सिकंदर पूरी दुनिया पर फतह हासिल करने के लिए निकला था और भारत आया था, तब उनका सामना राजा पुरु से हुआ था. युद्ध में राजा पुरु ने सिकंदर को धूल चटा दी थी. लेकिन अपने पति को हारता देख सिकंदर की पत्नी ने उनकी जान बख्शने के लिए राजा पुरु को राखी भेजी थी. जिसके बाद युद्ध के समय पुरु के हाथ सिकंदर पर नहीं उठे और पुरु को सिकंदर ने बंदी बना लिया था. लेकिन राखी की मर्यादा का ख्याल करके सिकंदर ने भी पुरु को उनका राज्य वापस कर दिया था.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Raksha bandhan, Raksha Bandhan 2021, Religion

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