Dussehra 2021: हर साल इस वजह से मनाया जाता है दशहरा, जानें इसका पौराणिक महत्व – News18 हिंदी

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Dussehra 2021: विजयादशमी (Vijayadashmi) यानी दशहरा हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है. यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय और सत्य पर असत्य की जीत के तौर पर मनाया जाता है. हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है. इस साल दशहरा 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हर साल देशभर में विजयादशमी की धूम रहती है. इस साल भी दशहरे (Dussehra) को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर हैं.
आखिर हर साल बुराई के प्रतीक रावण का दहन क्यों किया जाता है और विजयादशमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है. इसे लेकर हमें पौराणिक कथाओं से जानकारी मिलती है. मुख्य तौर पर इसे लेकर दो पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं.
पहली पौराणिक कथा
पुराणों में बताई गई कथा के अनुसार महिषासुर नाम का एक दानव था जो कि ब्रह्मा जी का बहुत बड़ा भक्त था. एक बार उसने ब्रह्मा जी से वर पाने के लिए कठोर तपस्या की. इस पर ब्रह्मा जी ने प्रसन्न होकर उसे वर मांगने को कहा. महिषासुर ने ब्रह्मा जी से वर मांगा कि उसे कोई बी देव, दानव या पृथ्वी पर रहने वाला मनुष्य नहीं मार सके. ब्रह्मा जी से वरदान मिलने के बाद महिषासुर निरंकुश हो गया और उसका आतंक बढ़ गया. वह निर्दयतापूर्वक तीनों लोकों में आतंक मचाने लगा.
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महिषासुर के आतंक से परेशान होकर सभी देवी-देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ मिलकर शक्तिरुप मां दुर्गा को जन्म दिया. इसके बाद मां दुर्गा और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ जो कि नौ दिनों तक चला. युद्ध के दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया. इसी वजह से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाने लगा.
दूसरी पौराणिक कथा
दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम जब लंका पर आक्रमण करने वाले थे उसके पूर्व उन्होंने युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी मां भगवती को स्मरण किया और उनकी पूजा की. रामेश्वरम् में श्रीराम ने नौ दिनों तक मां की आराधना की. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें लंका पर जीत का आशीर्वाद दिया. दसवें दिन भगवान राम ने लंका नरेश रावण को युद्ध में पराजित कर विजय हासिल कर ली. इसी वजह से इस दिन को विजयादशमी के तौर पर मनाया जाने लगा. यही वजह है कि हर साल इस दिन रावण का पुतला दहन भी किया जाने लगा.  (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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