धरती को सुरक्षित रखकर ही इंसानी -जीवन बचाया जा सकता है,डा.धरमवीर कंडा

केऐम किडज़ कैंसल स्कूल के बच्चों ने पेंटिंग बनाकर धरती को बचाने का दिया संदेश

कपूरथला (राजेश तलवार)
बच्चे को आदर्श नागरिक बनाने में एक बेहतर स्कूल की अहम भूमिका होती है और स्कूल प्रबंधन ही छात्र को समाजिक कर्तव्य का ज्ञान देता है।बच्चों को अच्छे संस्कार दे कर उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाने में एक स्कूल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।क्योंकि बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं,उन्हें जिस रूप में ढाला जायेगा वह उसी रूप में ढल जाएंगे।इस लिए स्कूलों का यह फर्ज बनता है कि वह अपने विद्यार्थियों को संस्कारों की शिक्षा प्रदान करे।शुक्रवार को हैरिटेज सीटी कपूरथला के कैलाशवती मेमोरियल किड्स कैसल स्कूल में स्कूल की तरफ से बच्चों को समय समय पर पढ़ाई के साथ साथ समाज के प्रति उनकी बनती ज़िम्मेदारी प्रति किस तरह जागरूक किया जा रहा यह देख कर यह महसूस हुआ कि यदि हर स्कूल बच्चों को इस तरह बचपन में ही सामाजिक ज्ञान बांटे तो बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है।शुक्रवार को धरती दिवस के मौके पर केऐम किडज़ कैंसल स्कूल की और से बच्चों को वातावरण के प्रति जागरूक करते हुए एक समागम का आयोजन किया गया।इस दौरान बच्चों ने पेंटिंग बनाकर धरती को बचाने का संदेश दिया।इस मौके पर बच्चों ने स्कूल में पौधे लगाने के बाद नरसरी से पौधे खरीद कर अपने अपने घरों में भी बड़ी संख्या में पौधे लगाए।इस से पूर्व स्कूल के मैनिजिंग डाइरेक्टर डा.धर्मवीर कंडा ने बच्चों को जागरूक करते हुए बताया कि विश्व धरती दिवस मनाने के पीछे यह कारण है कि लोग वातावरण के महत्व को समझे और धरती को बचाने के लिए ज़रूरी कदम उठाये।इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है।धरती को हमारी माँ स्वरूप माना जाता है।इस लिए हम बच्चों को वातावरण सुरक्षित रखने के लिए शिक्षित करते हैं।हमें अपने कुदरती संसाधनों का महत्व समझना चाहिए और उन्हने सुरक्षित रखना चाहिए।ताकि भविष्य में संसाधनों की कमी की वजह के साथ जीवन मुश्किल में न पड़ जाये।उन्होंने कहा कि धरती को सुरक्षित रखकर ही इंसानी-जीवन बचाया जा सकता है।इंसानी-जीवन सुरक्षित रखने को हमें अपनी धरती माता का श्रंगार करके उसको हरा-भरा रखना होगा।इस लिए सभी बच्चे को स्कूल और घर में पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए कहा गया।उन्होंने कहा कि आज हमारी धरती खतरे में है और इसको बचाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगाने चाहिएं।उन्होंने कहा कि गुरबाणी में धरती को माँ का दर्जा दिया गया है और धरती ही हमें अनाज और पानी देती है।यह जगत कल्यानी है।


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