23 मार्च का वह दिन सन 1930 में अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी थी वह शहीद जोश देश के लिए अपने जाने कुर्बान कर गए यह देश इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाता है लेकिन हमें उन शहीदों से यह भी सीखना पड़ेगा की देशभक्ति क्या होती है क्यों उन लोगों ने कुर्बानियां दी आने वाली पीढ़ियां याद रख सके किस देश को आजाद कराने के लिए कितने बलिदान दिए गए आज उनके साथ आए हुए नक्शे कदम पर चलना चाहिए हर नौजवान को इन शहीदों की के बारे में पता होना चाहिए हर बच्चे को यह बताना बहुत जरूरी है कि यह देश कितनी कुर्बानियों के बाद आजाद हुआ सरकारें आई और चली गई बड़े बड़े ऐलान हुए लेकिन किसी ने भगत सिंह के परिवार को कोई सुविधा नहीं थी राजगुरु सुखदेव के परिवार को कोई सुविधा नहीं थी सिर्फ राजनीति होती रही पंजाब सरकार ने इस दिन को छुट्टी के रूप में मनाने की घोषणा की इसका हम शुक्रिया करते हैं पंजाब सरकार का, ऐसे फैसले बहुत पहले लेने चाहिए थे ,
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