Madan Dwadashi 2022: पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है मदन द्वादशी व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त – ABP न्यूज़

By: ABP Live | Updated : 13 Apr 2022 01:38 PM (IST)

मदन द्वादशी 2022
हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत का अपना अलग महत्व है. कामदा एकादशी 2022 के अलगे दिन मदन द्वादशी व्रत रखा जाता है. इस व्रत में कामदेव की पूजा अर्चना की जाती है, क्योंकि काम देव को मदन नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों में लिखा है कि मदन द्वादशी के दिन व्रत रखने और पूजा आदि करने से पुत्र प्राप्ति होती है और भक्तों को सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. वहीं, जिन लोगों को पुत्र शौक होता है, वे इस व्रत को करके शौक से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार मदन द्वादशी का व्रत करने से दैत्यों की मताा दिति को पुत्र की प्राप्ति हुई थी. इस बार मदन द्वादशी 13 अप्रैल यानी की आज की पड़ रही है. आइए जानते हैं आज पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में. 
मदन द्वादशी 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार द्वादशी तिथि का प्रारंभ 13 अप्रैल दिन बुधवार प्रात: 05 बजकर 02 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 14 अप्रैल दिन गुरुवार को प्रात: 04 बजकर 49 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मदन द्वादशी का व्रत 13 अप्रैल के दिन रखा जाएगा. 

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मदन द्वादशी 2022 पूजा मुहूर्त
मदन द्वादशी के दिन वृद्धि योग सुबह 11 बजकर 15 मिनट से शुरु होगा और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सुबह 09 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगा. यह योग और नक्षत्र किसी भी शुभ कार्य के लिए अच्छा माना जाता है. वहीं, इससे पहले मघा नक्षत्र और गंड योग होगा, जिसे किसी भी तरह के शुभ कार्य के  लिए वर्जित माना जाता है. ऐसे में मदन द्वादशी की पूजा सुबह 11 बजकर 15 मिनट के बाद करना ज्यादा फलदायी होगा. 
मदन द्वादशी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मदन द्वादशी का व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है. यह व्रत लगातार 13 द्वादशी तक रखना चाहिए. पौराणिक क​था के अनुसार देवताओं द्वार राक्षस वंश का सर्वनाश होने पर उनकी माता दिति बहुत दुखी हो गईं. तब माता दिति ने ऋषि मुनियों के सुझाव पर मदन द्वादशी का व्रत रखा था. ये व्रत रखने से पुत्रों की मृत्यु का दुख उनके मन से धीरे-धीरे खत्म हो गया और पुत्र की प्राप्ति हुई.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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