कपूरथला(राजेश तलवाड़)शिव सेना बाल ठाकरे के प्रदेश प्रवक्ता ओमकार कालिया ने पंजाब का सच्च के पत्रकार से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि मेरे सपनों का पंजाब नशा रहित,पढ़ा-लिखा,हाईटैक इंडस्ट्री वाला व खुशहाल जीवन व्यतीत करने वाले किसानों का है जहां हर तरफ हरियाली व खुशहाली हो।जब मैं बात करता हूं मौजूदा पंजाब की तो सबसे पहले पंजाब का शैक्षणिक स्तर उच्च स्तरीय होना चाहिए क्योंकि शिक्षा ही किसी भी राज्य व देश के विकास में अहम भूमिका निभाती है।पंजाब के निजी स्कूलों में शिक्षा का स्तर तो बहुत बढिय़ा है लेकिन सरकारी स्कूलों,जहां गरीब,मजदूर,मिडल व लोअर क्लास के बच्चे पढ़ते हैं,में शिक्षा का स्तर बढिय़ा नहीं है जिस कारण एक मजदूर का बच्चा मजदूर ही बन पाता है।निजी संस्थानों में उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने वाले अपर क्लास से संबंधित बच्चे शिक्षित हो जाते हैं परन्तु वे भी देश में रोजगार के संसाधन न होने के कारण देश से पलायन कर विदेशों में जा रहे हैं,जहां वे शिक्षा के जोर पर अन्य देशों के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।अगर यही शिक्षा लोअर व मिडल क्लास के बच्चों को भी मिले व देश में ही रोजगार के अधिक अवसर हों तो कोई भी नौजवान विदेश नहीं जाएगा।वह अपने देश में ही रह कर अपने राज्य तथा देश के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।राजनेता का भी पढ़ा-लिखा होना जरूरी होना चाहिए।वह सरकार बनने पर जिस भी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाले उसी मंत्रालय के आधार पर उसका शैक्षणिक स्तर होना चाहिए।उसे यह पता होना चाहिए कि जिस जिम्मेदारी पर वह बैठा है,उसे कैसे निभाया जाना चाहिए।तब ही वह राज्य की तरक्की पर जोर दे सकेगा।पंजाब में आज खेती कोई भी युवा नहीं करना चाहता जिसका एक मुख्य कारण सरकार द्वारा इस क्षेत्र की तरफ उचित ध्यान न देना है।मेरा मानना है कि अगर सरकार व नौजवान कृषि को एक बिजनैस की तरह लें तो यह धंधा काफी प्रफ्फुलित व लाभदायक हो सकता है।अगर मैं बात करूं पंजाब की तो राज्य में विकसित सड़कें तो हैं पर उन पर चलने वाले लोगों की न कोई नीति है न.नीयत।लोग खुद ट्रैफिक को बढ़ावा देते हैं।सिर्फ ट्रैफिक ही नहीं इससे बढ़ावा मिलता है अफसरों के भ्रष्टाचार को। लोग खुद सुधरें तभी सरकारें सुधरेंगी।लोग सुधरें तो अफसर सुधरेंगे।आज पंजाब की जवानी पर नशा हावी हो चुका है जिसके लिए लोग खुद जिम्मेदार हैं पर वे मानते ही नहीं।नशा करने वाले नौजवानों के कारण ही क्राइम ग्राफ बढ़ रहा जिसके लिए सीधे रूप से उनके परिजन जिम्मेदार हैं।लोग सही को सही व गलत को गलत कहने में गुरेज करते हैं।मैं राजनीति को ज्यादा अच्छी तरह से नहीं जानता पर मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि वोटों के लिए प्रचार की जरूरत नहीं।अगर पहले काम किए होंगे तो लोगों को बताने की जरूरत नहीं।मौजूदा पंजाब के जो हालात हैं उसके कारण अभी तक पंजाब ने सिर्फ मेरे हिसाब से 20 प्रतिशत तरक्की की है लेकिन यह तरक्की आजादी से लेकर आज तक 70 से 80 प्रतिशत होनी चाहिए थी।अगर ऐसा होता तो आज पंजाब अन्य राज्यों ही नहीं बल्कि कई देशों से भी बढिय़ा हो जाता।अंत में मैं यह ही कहना चाहूंगा कि अगर पंजाब में अच्छी शिक्षा प्रणाली व रोजगार के अवसर हों तो यह राज्य सबसे बेहतर व विकसित तथा एक माडल राज्य के रूप में उभर कर सामने आ सकता है।
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