साइबर सेल ने नाइजीरियन ठग को दबोचा: 33 करोड़ और बिजनेस पार्टनर बनाने का झांसा देकर की थी 12.50 लाख रुपए की ठगी – Dainik Bhaskar

कानपुर की साइबर सेल ने लोगों को गिफ्ट का लालच देकर ठगी करने वाले नाइजीरियन इंजीनियर और उसके साथी को अरेस्ट कर लिया। शातिर नाइजीरियन ने रावतपुर निवासी कारोबारी को बिजनेस पार्टनर बनाने का झांसा देकर 33 करोड़ रुपए भेजने की बात कही। इसके बाद झांसे में लेकर टैक्स के नाम पर 12.50 लाख रुपए ठग लिए थे। साइबर सेल अब गैंग में जुड़े अन्य शातिरों की तलाश में लगी है।
विदेशी बनकर दोस्ती फिर बिजनेस पार्टनर बनाने का झांसा देकर ठगी
एसीपी क्राइम बृजनारायण सिंह ने बताया कि 30 मई 2022 को रावतपुर निवासी प्रदीप कटियार ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके साथ विदेशी गिफ्ट का कस्टम टैक्स देने के नाम पर आनलाइन 12.47 लाख की साइबर ठगी को अंजाम दिया गया था। रावतपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और क्राइमब्रांच मामले की जांच कर रही थी। जांच में पता चला कि पीड़ित प्रदीप कटियार दुबई में नौकरी करता है। उसके पास एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने बताया कि उसका नाम एलेक्स जार्ज है। कुछ देर बात होने के बाद जब उसने दोस्ती कर ली। बताया कि मुझे इंडिया में बिजनेस करना है। उसने उन्हें पार्टनर बनाने का झांसा देकर 33 करोड़ भेजने की बात कही और कस्टम टैक्स समेत अन्य अलग-अलग मदों में 12.50 लाख रुपए ठग लिए। मामले की जांच कर रही साइबर सेल ने बैंक अकाउंट और कॉल डिटेल की मदद से शातिर नाइजीरियन ठग अर्नेस्ट संडे मोरा और उसके साथी टीटू सिंह निवासी चंद्र विहार निलौरी विस्तार नांगलोई पश्चिमी दिल्ली को अरेस्ट कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।
इंजीनियर है शातिर नाइजीरियन ठग
नाइजीरिया नागरिक का नाम अर्नेष्ट है। पता चला कि उसने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। यहां पर वह काम की तलाश में आया था। पुलिस को जानकारी मिली है कि दिल्ली में उसने कुछ समय तक इंटरनेशनल कॉल सेंटर में काम भी किया है। दो मोबाइल व कई सिम कार्ड बरामद किए हैं।
छह बैंक खातों में जमा कराई गई थी रकम
पीड़ित प्रदीप ने छह अलग-अलग बैंक खातों में रकम जमा कराई थी। एसीपी ब्रजनारायण सिंह ने बताया कि गिरोह से पूछताछ में पता चला है कि किसी तरह से वह ठगी के लिए सुरक्षित बैंक खातों का प्रयोग करते थे। बताया कि फुटपाथ पर रह रहे लोगों को लालच देकर उनका बैंक खाता खुलवाते और उसी खाते में ठगी की रकम मंगवाते हैं।
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