शिवेन्द्र कुमार सिंह | Edited By: रजनी सिंह
Updated on: Aug 04, 2022 | 12:02 PM
70 के दशक की बात है. फिल्म इंडस्ट्री में एक बहस बहुत होती थी. कुछ लोग ऐसा मानते थे कि किशोर कुमार हल्के फुल्के गीत गाने में ही माहिर हैं. लेकिन किशोर दा के फैंस इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे. इसी दौरान फिल्म आई अमर प्रेम. शक्ति सामंत की ये फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी. फिल्म में राजेश खन्ना, शर्मिला टैगोर और विनोद मेहरा जैसे कलाकार थे. फिल्म का संगीत आरडी बर्मन ने दिया था. आरडी बर्मन की पहचान एक ऐसे संगीतकार की थी जो वेस्टर्न धुनों का इस्तेमाल जमकर करते थे.
किशोर कुमार को लेकर भी यही माना जाता था कि वो मौज मस्ती वाले गाने ही ज्यादा बेहतर तरीके से निभा सकते हैं, लेकिन अमर प्रेम में आरडी बर्मन ने नया प्रयोग किया. उन्होंने फिल्म के कई गाने शुद्ध शास्त्रीय रागों पर बनाए. इस फिल्म के गाने याद कीजिए- चिंगारी कोई भड़के, रैना बीती जाए, कुछ तो लोग कहेंगे, डोली में बिठाए के कहार, ये क्या हुआ और बड़ा नटखट है ये कृष्ण कन्हैया. चिंगारी कोई भड़के राग भैरवी में था. कुछ तो लोग कहेंगे राग खमाज में था और ये क्या हुआ में राग कलावती की छाप थी.
अमर प्रेम के दो साल बाद ही 1974 में फिल्म आई आप की कसम. इस फिल्म में भी संगीत आरडी बर्मन का ही था. उन्होंने एक बार फिर किशोर कुमार की गायकी का बेहतरीन इस्तेमाल किया. इस फिल्म में किशोर कुमार का गाया एक गाना बेहद लोकप्रिय हुआ. वो गाना हम आज भी गुनगुनाते हैं- जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते. इस गाने को राग बिहाग की जमीन पर कंपोज किया गया था. जानने वाली बात ये भी है कि राग बिहाग को गंभीर प्रवृत्ति का राग माना जाता है. ये गाना आनंद बक्शी ने लिखा था.
किशोर कुमार से शास्त्रीय राग पर आधारित गाने गवाने का श्रेय काफी हद तक संगीतकार चित्रगुप्त को जाता है. चित्रगुप्त को भारतीय फिल्म संगीत के बेहद संजीदा संगीतकारों में गिना जाता था. 60 के दशक में उन्होंने फिल्म ‘एक राज’ का संगीत दिया था. इस फिल्म में एक गाना किशोर कुमार का गाया हुआ भी है. इस गाने का जिक्र इसलिए जरूरी है, क्योंकि इस गाने को किशोर कुमार ने क्लासिकल अंदाज में गाया था. 1963 में रिलीज इस फिल्म का गाना था—पायलवाली देखना, ये गाना राग मारू बिहाग की जमीन पर तैयार किया गया था, जिसे किशोर कुमार ने बखूबी निभाया.
सिक्के का एक पहलू और भी है. किशोर दा ने कुछ गानों को मना भी किया. बाद में वे इस शर्त पर माने की उस गाने को वो अपने अंदाज में गाएंगे. साल 1976 की बात है. शक्ति सामंत ने फिल्म बनाई—महबूबा. इसका एक गाना बहुत हिट हुआ था- मेरे नैना सावन भादो. ये गाना मेल और फीमेल दोनों आवाजों में था. राग शिवरंजिनी पर आधारित इस गाने को रिकॉर्ड करने से पहले एक रफ रिकॉर्डिंग पंचम दा ने किशोर कुमार को भेजी. किशोर को लगा कि वे इस गाने के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे.
उन्होंने आरडी को बोला कि वे पहले इस गाने को लताजी से रिकॉर्ड करा लें, उसके बाद उन्हें सुनाएं. आरडी इसके लिए मान गए. उन्होंने लताजी का वर्जन रिकॉर्ड करके किशोर कुमार के पास भेजा. किशोर कुमार उसे बार-बार सुनते रहे. ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद उन्होंने उस गाने को अपने अंदाज में गाया.
5 साल बाद 1981 में चेतन आनंद फिल्म बना रहे थे—कुदरत. इस फिल्म में संगीत पंचम दा का ही था. उन्होंने इस फिल्म में एक गाना राग भैरवी की जमीन पर कंपोज किया. इस गाने के भी दो वर्जन रिकॉर्ड होने थे. फीमेल वर्जन के लिए आर.डी. बर्मन ने शास्त्रीय गायिका परवीन सुल्ताना को चुना. जब मेल वर्जन की बारी आई तो एक बार फिर उनकी पसंद किशोर कुमार ही थे. किशोर कुमार ने ठीक वही काम किया, जो उन्होंने 5 साल पहले महबूबा फिल्म में किया था. उन्होंने इस गाने को अलग अंदाज में गाया और एक बार फिर लोकप्रियता के मामले में इस गाने का मेल वर्जन ज्यादा हिट हुआ. मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे उस गाने के बोल थे—हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते. अब आप दिन भर इन गानों को गुनगुनाइए.
बॉलीवुड की लेटेस्ट खबर यहां देखें
Channel No. 524
Channel No. 320
Channel No. 307
Channel No. 658
Author Profile

Latest entries
धर्म2023.02.05भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ कौन था, जानिए रहस्य | lord garuda story – Webdunia Hindi
राशीफल2023.02.05Aaj Ka Rashifal: मेष, कर्क, तुला राशि वालों के लिए आर्थिक स्थिति रहेगी … – अमर उजाला
टेक2023.02.05Zuckerberg says Meta to cut some middle-management layers – The Indian Express
बिज़नेस2023.02.05आज 04 फरवरी 2023 का मिथुन राशिफल (Gemini Horoscope): बिजनेस में हो सकता है लाभ, शनिदेव से संबंधित वस्तुओं को दान दें – Aaj Tak