मौसमी बदलाव के चलते तेज बुखार और गले में है खराश? तो लाइफस्टाइल को करें चेंज – TV9 Bharatvarsh

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Updated on: Oct 02, 2022 | 4:15 PM
उन्नति गोसाईं:साल के इस समय के दौरान सुबह और रात सर्द होने लगी है लेकिन दिन अभी भी गर्म रहता है. तापमान और मौसम में इस बदलाव के चलते लोगों को सर्दी, फ्लू और अन्य मौसमी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने का खतरा बढ़ जाता है. मेडिकल रिसर्च के मुताबिक ज्यादातर वयस्कों को हर साल 2-4 बार और बच्चों को 5-7 बार सर्दी होती है. और इसके ज्यादा मामले तब देखने को मिलते हैं जब मौसम बदलता है. और ऐसा होने का कारण मौजूद है. हर बार जब मौसम में बदलता है तो वातावरण में एलर्जी की संख्या भी हवा में लगभग 200 वायरस तक फैल जाती है.
सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट और जनरल फिजिशियन डॉ. सुमित अग्रवाल ने कहा कि तापमान में बदलाव कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए बीमारी का मौसम बन सकता है. उन्होंने कहा, “तापमान में मामूली बदलाव भी उनके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. खांसी, सर्दी और वायरल जैसी आम समस्याओं से वे पीड़ित हो सकते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “बुजुर्गों के लिए एक छोटी बीमारी भी उनकी स्थिति को और खराब कर सकती है.”
हावड़ा के नारायण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में जनरल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ नीलांजन पत्रनबीस ने कहा कि जब भी मौसम बदलता है लोगों की सेहत पर इसका थोड़ा असर दिखता है. एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा, “तापमान में बदलाव वायरस के विभिन्न समूहों को पनपने के लिए एक उपयुक्त स्थिति देता है, जो फिर संक्रामक रोगों को फैलाते हैं.”
हालांकि आज सर्दी और फ्लू आम स्वास्थ्य समस्याएं हैं लेकिन शुरुआत में इन पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं और पीड़ित को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ सकता है. लेकिन कुछ सावधानियों और जीवनशैली में बदलाव से आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं.
राइनोवायरस (Rhinoviruses) शरीर के बाहर 3 घंटे तक जीवित रहते हैं, और कभी-कभी हाथ से छूने वाली चीजों पर जैसे कि डोर नॉब्स या लाइट स्विच पर 48 घंटे तक जीवित रह सकते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं और अपने चेहरे को छूने से बचें ताकि संक्रमण के संभावित खतरे से बचा जा सके.
जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं उनमें वायरल इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है क्योंकि यह उनकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है.
संतुलित आहार खाने, भरपूर नींद लेने और तनाव को नियंत्रण में रखने से आपको मौसमी बीमारी से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है.
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