कभी पाव खिलाने भर से बदल जाता था धर्म, अब मुंह में ठूंस देते हैं मांस, धर्मांतरण के अटपटे तरीके – TV9 Bharatvarsh

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Updated on: Jan 03, 2023 | 7:47 PM
झारखंड के हजारीबाग के बरही गांव में पार्टी हुई और उसमें शराब और मीट परोसा गया. ग्रामीणों को जब पता चला कि ये मांस प्रतिबंधित है तो उन्होंने विरोध किया. आरोपी पहले से तैयार थे. उन्होंने धारदार हथियार दिखाए, धमकाया और कहा कि चुप रहो, अब तुम्हारा धर्म बदल गया है. यह मामला बानगी है धर्मांतरण के उस अंधे खेल का, जो दिन ब दिन जोर पकड़ रहा है. खास बात ये है कि धर्म बदलने के लिए लोगों को सिर्फ धमकाया ही नहीं जा रहा, बल्कि उनके साथ धोखेबाजी, मारपीट और जबरदस्ती तक की जा रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि यह धर्मपरिवर्तन न कानूनी तौर पर हो रहा है और न ही धार्मिक तौर पर. इसके लिए धर्म के ठेकेदारों ने बड़े ही अजीब और अटपटे नियम बना रखे हैं.
क्या पाव खाकर किसी का धर्म बदल सकता है? पढ़कर आप हैरान होंगे, बात है ही हैरानी वाली. मगर सोचिए जिन पर ये गुजरी उनका क्या हाल हुआ होगा. यह उस दौर की बात है जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा कर लिया था. उस वक्त भारत के लिए पाव नया था. इसीलिए पुर्तगाली इसका प्रयोग धर्मांतरण के लिए करते थे. गोवा सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से 67 मिनट की बनाई गई एजुकेशन डॉक्यूमेंट्री में इस बात का उल्लेख है. इसमें बताया गया है कि कैसे धर्म परिवर्तन के लिए गरीबों के साथ जबरदस्ती की जाती थी. पानी में पाव के टुकड़े कर डाल दिए जाते थे, जो लोग वो पानी पी लेते थे उन्हें ईसाई मान लिया जाता था और जो वह पानी नहीं पीते थे उनके मुंह में पाव ठूंसा जाता था.
ऐसे एक नहीं बल्कि सैकड़ों मामले में जिनमें प्रतिबंधित मांस मुंठ में ठूंसकर धर्म परिवर्तन की कोशिश की गई, झारखंड के हजारी बाग के मामले को छोड़ दें तो उससे पहले झारखंड के ही साहिबगंज जिले में युवक को इसलिए पीटा गया, क्योंकि वह प्रतिबंधित मांस खाने से इन्कार कर रहा था. इसी तरह लव जिहाद के मामलों में भी ये सामने आया है कि शादी के बाद युवती को जबरदस्ती प्रतिबंधित मांस खिलाने का प्रयास किया गया और न खाने पर मारपीट की गई.
राजस्थान के जोधपुर में गरीबों को खाना देकर धर्मपरिवर्तन कराने का मामला सामने आया था. पिछले साल मई में इसे लेकर प्रदर्शन भी हुए थे. बिहार के रहने वाले परिवार ने खुद आरोप लगाया था कि खाना खिलाने के नाम पर उनसे धर्म परिवर्तन के लिए का जाता था. इसी तरह मध्य प्रदेश के इंदौर में एक दंपति ने बीआरजी कॉलेजों के एक कॉलेज कैंपस में तकरीबन 400 लोगों को खाने पर बुलाया था. यहां प्रेयर भी होनी थी. पुलिस जब पहुंची तो भगदड़ मच गई. जांच में मामला धर्मांतरण का निकला.
कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र में पिछले दिनों धर्मांतरण का मामला बहुत उछला था. आईनेक्सट की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां लोगों को पहले पर्चे बांटे गए, फिर पढ़ने के लिए एक किताब दी गई. इसके बाद उन्हें शैतान का डर दिखाया गया. ये बताया गया कि तुम्हारी मुसीबतों का जिम्मेदार शैतान है. जब धर्म बदलोगे तभी ये शैतान जाएगा और फल तभी मिलेगा जब भगवान की पूजा छोड़ दोगे. अब यहां पर एक घर में धार्मिक स्थल भी बन गया है और बाकायदा लोग वहां जाते भी हैं.
कानपुर के घाटमपुर में गरीब परिवारों को शादी का लालच और रिश्वत देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. पांचजन्य की एक रिपोर्ट के मुताबिक गरीब परिवार के युवकों को शादी कराने का प्रलोभन दिया जा रहा है, युवकों से कहा जा रहा है कि शादी के बाद तुम्हारा धर्म बदल जाएगा और तुम्हें पूजा छोड़नी होगी. इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपये तक का लालच भी दिया जा रहा है. इस मामले में पुलिस ने तकरीबन 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
धर्मांतरण के लिए अंधविश्वास की हद पार कर दी जा रही है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बनारस में राजेश नाम एक हिंदू ने कई साल पहले ईसाई धर्म अपनाया. जब उनसे पूछा गया तो तर्क दिया कि उनकी बहन 16 साल से ब्लड कैंसर से पीड़ित थी और बिस्तर पर पड़ी थी. पवित्र पुस्तक पढ़ने से वह ठीक हो गई. इसी तरह धर्मांतरण के कार्यक्रमों में हंगामा करने वाले शिवसेना के एक नेता 2014 में ईसाई हो गए. उन्होंने तर्क दिया कि उनके दोनों गुर्दों में पथरी थी. बचने की उम्मीद नहीं थी, ऑपरेशन टेबल पर मरा घोषित कर दिया गया. बहन और दोस्तों से प्रार्थना की तो दो घंटे बाद जीवित हो गया. अब वे एक पास्टर हैं.
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