पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल संस्कृति संरक्षण मंच की ओर से मंगलवार को मटिहानी स्थित उद्योग वाणिज्य संघ के सभागार में अवधेश साह की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सनातन संस्कृति और सांप्रदायिकता विषय पर आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ नेपाल के प्रथम नरेश रहे पृथ्वीराज वीर विक्रम शाहदेव के तैल चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व का प्राचीनतम धर्म है। इसका गौरवशाली ऐतिहासिक समृद्ध सभ्यता और संस्कृति ही सनातन धर्म का परिचायक है। समय के साथ होते बदलाव में आज सनातन संस्कृति को धर्म के आधार पर विभाजित कर दिया गया है। जबकि, मनुष्य के प्रादुर्भाव के साथ ही सनातन संस्कृति की उत्पत्ति हुई है जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता।
इसलिए विश्व के इस भूभाग में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सनातन संस्कृति के रक्षार्थ पहल करने की आवश्यकता है जिसमें सर्वधर्म समभाव जैसी वैचारिक समृद्धता के साथ जीवन जीने की कला छुपी हुई है। कार्यक्रम को संगठन के संस्थापक ललित झा, सह सचिव काजल नागवंशी, संस्कृत उच्चतर माध्यमिक पाठशाला के प्रधानाध्यापक ईश्वरी पौडेल, विनय यादव, बजरंगी साह, रमन चौधरी, देवानंद मिश्र सुमन, मुखिया राजेश साह, धनुषधारी पांडे, हर्ष नारायण कर्ण, हेमचंद्र यादव,मोहन साह सहित विभिन्न राजनैतिक, समाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। मौके पर दोनों देश के सीमावर्ती क्षेत्र के कई सामाजिक कार्यकर्ता एवं दर्जनों गण मान्य बुद्धिजीवी मौजूद थे।
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