कपूरथला(बॉबी शर्मा)पंजाब के भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर के विवादित बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा छेड़ दी है।कैबिनेट मंत्री इंदरबीर निज्जर ने फसल विविधता को लेकर पंजाबी समाज पर अभद्र टिप्पणी की।उन्होंने कहा पंजाबियों से बड़ी बेवकूफ कौम कोई नहीं है।इस बीच उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान आरामपरस्त हो सहम हैं और उन्हें गेहूं और धान के अलावा कुछ नहीं आता।उन्होंने आगे कहा कि न तो लोग नहरों के पानी की मांग करते हैं और न ही नहर विभाग पानी छोड़ता है।मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमेन व भाजपा के हल्का इंचार्ज रणजीत सिंह खोजेवाल ने मंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा कि जिन पंजाबियों ने प्रचंड बहुमत देकर उनकी सरकार और उनको मंत्री बनाया आज वह उस कौम बेवकूफ कौम कह कर अपनी घटिया मनस्तिका का परिचय दे रहे है।उन्होंने कहा कि उनके मन में पंजाबियों के प्रति नफरत जुबान पर आने के बाद माफ़ी मांगना काफी नहीं उन्हने तुरंत अस्तीफा देना चाहिए।खोजेवाल ने कहा कि निज्जर खुद खेतों में जाकर देखें कि किसान आराम करते हैं जान और कितना काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने किसानों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।किसान गेहूं व धान की फसल लगाने को विवश हैं।क्योंकि सरकार अन्य फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने में विफल रही है।खोजेवाल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह की राजनीति शुरू की है,इस राजनीति का नतीजा बेहद भयानक साबित होगा।पहले पंजाब को वादों और गारंटियों से लूटा गया था,और अब उसी तर्ज पर आम आदमी पार्टी गुजरात चुनाव में सक्रिय होकर यह गैंग लोगों को मूर्ख बनाने के की कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही।वो वायदे गुजरात में किए गए है जोकि ‘आप सरकार पंजाब में पूरे नहीं कर पाई।उन्होंने कहा कि भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की जुंडली ने पहले पंजाबियों को लूटा और अब बारी गुजराती लोगों की है पर जनता बेवकूफ नहीं सब समझती है कि ये लोग पंजाब में क्या कर रहे हैं।माइनिंग पॉलिसी का कोई अता-पता नहीं जो रेत मुखयमंत्री चन्नी के शासनकाल में 1700 से 2000 रुपए ट्राली मिल रही थी उसके मौजूदा समय में भाव है पंजाब की जनता भलि-भांती जानती है।दोनों-दोनों हाथों से लूटने वाले गुजरात व हिमाचल में मुंगेरी लाल के हंसीन सपने दिखाने में जुटे हुए हैं पर खानी इनको मुंह की ही पड़ेगी।बेरोजगारी भत्ता,महिलाओं को 1000 रुपए भत्ता और वकील समुदाय को भत्ता देने की बात करने वाले गुजरात में पंजाब की सच्चाई बयां क्यों नहीं करते।
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