पंजाब में मतांतरण पर चिंता,प्रलोभन और मजबूरी के चलते बढ़े रहे मामले
कपूरथला(राजेश सेठी/हरप्रीत सिंह पूर्वा)गत दिनों चौक मेहता के नजदीक लोगों को गुमराह करके मतांतरण करवाने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश सचिव व प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य उमेश शारदा ने कहा कि पंजाब में मतांतरण के मामले बढ़ना चिंता का विषा है।शारदा ने आगे कहा कि पंजाब का इतिहास धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष और बलिदान का इतिहास है।पूज्य गुरुओं ने धर्म की रक्षा के लिए न केवल प्रेरणा दी है अपितु,अद्भुत संघर्ष भी किए। गुरु पुत्रों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता।धर्मवीर वालक हकीकत राय का बलिदान आज भी पूरे देश को प्रेरणा देता है।धर्मांतरण कराने वाले मिशनरी न केवल इन बलिदानों को अपितु गुरुओं के उपदेशों को भी अपमानित करने का दुस्साहस करते हैं।धर्मांतरण करने के लिए ईसाई मिशनरी केवल छल कपट और लालच का उपयोग करते हैं।यदि चंगाई सभा वास्तव में लोगों को ठीक करती है तो इनके पादरी बीमार होने पर अस्पताल में क्यों भर्ती होते हैं?कई पादरी कोरोना के कारण काल के ग्रास भी बने।जब इनके अपनों का इलाज कोई चंगाई सभा नहीं कर सकी,तो ये पंजाब की भोली-भाली जनता को क्यों बेवकूफ बनाते हैं।
भाजपा नेता ने मिशनरियों को चुनौती दी कि पंजाब के अस्पतालों में गंभीर रोगों से ग्रस्त हजारों मरीज भर्ती हैं।मिशनरी उन सभी को ठीक करके दिखाएं।सिखों और हिंदुओं के धर्म ग्रंथों में संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए अनमोल संदेश हैं जिन्हें पूरी दुनिया स्वीकार करती है।कोई भी समझदार व्यक्ति सोच समझकर इन पावन ग्रंथों का प्रकाश छोड़कर कैसे जा सकता है।बाइबल को हमारे पवित्र ग्रंथों से बड़ा बता कर क्या वे सिखों और हिंदुओं के धर्म ग्रंथों की बेअदबी का महापाप नहीं करते।एक ‘पतित परिवार द्वारा कुछ वर्ष पूर्व एक पवित्र ग्रंथ की बेअदबी का समाचार ज्यादा पुराना नहीं हुआ है।उमेश शारदा ने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया में चर्च बदनाम हो चुका है।पिछले दिनों फ्रांस के एक आयोग ने खोजपूर्ण लेकिन खौफनाक रिपोर्ट जारी की थी,जिसमें बताया गया था कि 3,30,000 से अधिक बच्चों का यौन शोषण पादरियों द्वारा किया गया।ननों के यौन शोषण के आरोपों से वेटिकन सिटी भी अछूता नहीं रहा।भारत में तो कई ननें इसी कारण आत्महत्या भी कर चुकी हैं।जालंधर का बिशप फ्रैंको ननों के यौन शोषण का आरोपी है और केरल की अदालत में उस पर मुकदमा चल रहा है।पूरे विश्व का चर्च अपने पादरियों के पापों पर माफी मांग रहा है,परंतु बिशप फ्रैंको को जमानत मिलने पर पंजाब के ईसाई समाज ने बड़ी बेशर्मी के साथ उसका स्वागत किया था।शारदा ने कहा कि पंजाब का सिख और हिंदू समाज चर्च की इस बेशर्मी और चरित्र हीनता को बर्दाश्त नहीं कर सकता।उन्होंने सरकार से भी अपील करती है कि वह पंजाबी समाज की भावनाओं तथा गुरुओं की परंपराओं का सम्मान करते हुए धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए।हम मिशनरियों को चेतावनी देते हैं कि वे धर्मांतरण की गतिविधियों को अविलंब बंद करें अन्यथा उन्हें पंजाब से अपना बोरिया बिस्तर लपेटने पर मजबूर होना पड़ेगा।बिशप फ्रैंको तथा अन्य पादरियों के पापों के लिए माफी मांग कर उन्हें बताना चाहिए कि अब मिशनरियों को सभ्य बनाने के लिए भारत का चर्च भी गंभीर है।उन्होंने कहा कि साथ ही सरकार व पुलिस प्रशासन को भी यह देखना चाहिए कि इस कुप्रथा को कौन लोग किस तरह से अंजाम दे रहे हैं।हमारा संविधान किसी को भी किसी भी धर्म या पंथ या मत को अपनाने की स्वतंत्रता देता है,लेकिन अगर एक मुहिम के तहत,प्रलोभन इत्यादि देकर ऐसा करवाया जा रहा है तो यह सर्वथा अनुचित है।कई राज्यों में तो इसके खिलाफ कानून तक बने हैं।पड़ोसी राज्य हिमाचल ही इसका उदाहरण है।ऐसी कुप्रथा को सख्ती के साथ रोकना जहां सरकार की जिम्मेवारी बनती है वहीं समाज को भी यह सोचना होगा कि किसी वर्ग की इतनी उपेक्षा न हो,वह इतने अभावों से ग्रस्त न हो कि उसे प्रलोभन देकर कोई भी मत बदलने को विवश कर सके।मतांतरण चिंता के साथ-साथ चिंतन का भी विषय है।सरकार व पुलिस को भी यह देखना चाहिए कि इस कुप्रथा को कौन किस तरह से अंजाम दे रहे हैं।
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