Gudi Padwa 2022 Upay: गुड़ी पड़वा के दिन करें ये 5 आसान उपाय
घर में लगाएं ये पौधा, मां लक्ष्मी को है अत्यंत प्रिय
चैत्र नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जौ, जानें कारण और महत्व
गुरुवार को जपें भगवान विष्णु के ये 7 नाम, होगी खुशियों की बौछार
Kalashtami Vrat 2022: कालाष्टमी पर भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) के रौद्र रूप भगवान भैरव की पूजा की जाती है. हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी कहा जाता है. अष्टमी तिथि भगवान भैरव को समर्पित की गई है. इसलिए इसे कालाष्टमी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान भैरव से असीम शक्ति प्राप्त की जाती है. कालाष्टमी (Kalashtmi) के दिन व्रत और पूजा करने का भी काफी महत्व बताया गया है. माघ मास की कालाष्टमी 25 जनवरी दिन मंगलवार को है. इस दिन भगवान शिव के अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है. हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को ही कालाष्टमी मनाई जाती है. कालाष्टमी व्रत करने और काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं रहता है और वह निरोग रहता है.
ऐसी मान्यता है कि इस भगवान भैरव की सच्चे मन से पूजा अर्चना की जाए तो भक्तों के बिगड़े काम बन जाते हैं. भैरव बाबा की कृपा से भक्तों को भूत-पिशाच और ग्रह दोष परेशान नहीं करते, लेकिन उनकी कृपा पाने के लिए आपको पूजा करते समय अपने मन में छल कपट का भाव नहीं आने देना चाहिए. आइए जानते हैं कालाष्टमी से जुड़ी पौराणिक कथा और व्रत के महत्व के बारे में.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
मान्यता के अनुसार कालाष्टमी व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को हर प्रकार के डर से मुक्ति मिलती है. साथ ही भगवान की कृपा से रोग-दोष दूर होते हैं. भगवान काल भैरव अपने भक्तों की संकट से रक्षा करते हैं. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता.
पौराणिक कथा के अनुसार
एक बार की बात है देवताओं ने ब्रह्म देव और भगवान विष्णु से पूछा कि ब्रह्मांड में सबसे श्रेष्ठ कौन है? यह सवाल सुनने के बाद ब्रह्मा, विष्णु अपने आप को श्रेष्ठ सिद्ध करने की होड़ करने लगे. इसके बाद सभी देवता गण, ब्रह्मा और विष्णु कैलाश पर्वत पहुंचे और वहां पहुंच कर उन्होंने भगवान भोलेनाथ से यही सवाल पूछा कि ब्रह्मांड में सबसे श्रेष्ठ कौन है.
यह भी पढ़ें – क्यों रखी जाती है सिर पर शिखा या चोटी? जानिए इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
यह सवाल सुनते ही भगवान भोलेनाथ के शरीर से एक ज्योति रूप में प्रकाश निकला जो आकाश और पाताल की तरफ बढ़ गया. भगवान भोलेनाथ ने ब्रह्म देव और भगवान विष्णु से कहा कि जो भी इस ज्योति के अंतिम छोर तक सबसे पहले पहुंचेगा वही इस ब्रह्मांड में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा. भगवान भोलेनाथ की यह बात सुनकर ब्रह्मा, विष्णु अनंत ज्योति के छोर तक पहुंचने के लिए निकल पड़े.
कुछ समय बाद दोनों के वापस लौटने पर भोलेनाथ ने पूछा कि आप में से किसे अंतिम छोर प्राप्त हुआ. इसका जवाब देते हुए भगवान विष्णु बोले कि यह ज्योति अनंत है इसका कोई छोर नहीं है. वहीं ब्रह्म देव ने झूठ बोल दिया. उन्होंने कहा कि मैं इस ज्योति के अंतिम छोर तक पहुंच गया था. यह बात सुनने के बाद भगवान शिव ने भगवान विष्णु को श्रेष्ठ घोषित कर दिया. इस बात से ब्रह्म देव क्रोधित हो उठे और उन्होंने गुस्से में आकर भगवान शिव को अपशब्द कह दिए. अपने लिए अपशब्द सुनने के बाद भगवान शिव क्रोध में आ गए और उन्होंने काल भैरव की उत्पत्ति की. काल भैरव ने क्रोध में आकर ब्रह्मदेव के 5 5में से एक मुख को धड़ से अलग कर दिया.
यह भी पढ़ें – भगवान गणेश ने क्यों किये दो विवाह, जानें कैसे मिले रिद्धि सिद्धि से
इस घटना के बाद ब्रह्म देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान शिव से इसके लिए माफी मांगी. वहीं ब्रह्मा का कटा सिर भैरव की बाईं हथेली पर लग गया. भैरव बाबा को यह पाप भुगतने के लिए भिखारी के रूप में ब्रह्म देव की खोपड़ी के साथ नग्न अवस्था में यहां वहां भटकना पड़ा. भटकते हुए वह शिव नगरी वाराणसी पहुंचे, तब जाकर उनके पापों का अंत हुआ. इसी कारण से उन्हें काशी का कोतवाल माना जाता है. उनके दर्शन के बिना कोई काशी वास नहीं कर सकता. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Religion
राज्यसभा के 72 सांसद रिटायर, विदाई समारोह में गर्मजोशी से मिले PM मोदी और मल्लिकार्जुन खड़गे, देखें तस्वीरें
Road Trip Ideas: रोड ट्रिप के हैं शौकीन तो भारत की इन 5 बेहतरीन जगहों पर जरूर जाएं, यादगार रहेगा सफर
'तेरे नाम' से 'कबीर सिंह' तक, इन बॉलीवुड फिल्मों में 'टॉक्सिक ब्वॉयफ्रेंड' वाले रोल दर्शकों को आए थे पसंद
मेष
वृषभ
मिथुन
कर्क
सिंह
कन्या
तुला
वृश्चिक
धनु
मकर
कुंभ
मीन
Author Profile
Latest entries
- राशीफल2024.04.18आज का राशिफल 18 अप्रैल 2024: मेष, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को धन लाभ के योग हैं, जानिए बाकी राशियों का कैसा रहेगा दिन – GNTTV
- लाइफस्टाइल2024.04.18मेरी क्रिसमस फिल्म ताज़ा खबरे हिन्दी में – मेरी क्रिसमस फिल्म ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में – Hindustan
- धर्म2024.04.18सुधा मूर्ति द्वारा लिखित "द सेज विद टू हॉर्न्स: अन्यूश़वल टेल्स फ्रॉम माइथोलॉजी" | – Current Affairs Adda247 in Hindi
- टेक2024.04.17'This billionaire tech startup' saw the biggest fall in valuation globally in 2024 – The Times of India